गुनाहो का अंत....!

यशोधरा नगर में फिर धड़ल्ले से चल रहा गांजा और एमडी का कारोबार — पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल!

यशोधरा नगर में फिर धड़ल्ले से चल रहा है तस्करी और एमडी का कारोबार – पुलिस की ओर से उठाया गया सवाल!

क्राइम ऑपरेशन – 10 जनवरी 2025 | प्रतिनिधि, नागपुर
नागपुर शहर में “ऑपरेशन थंडर – आओ ग्रुप नशामुक्त समाज पैदा करो” अभियान के तहत पुलिस उसी तरह की कार्रवाई का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत में यशोधरा नगर पुलिस थाना क्षेत्र में फिर से नशे की लत का अभ्यास करने वालों पर है।
हाल ही में उनके एनडीपीएस विभाग ने 80 लोगों को पकड़ लिया था, लेकिन यशोधरा नगर क्षेत्र में नशे का कारोबार थमाने का नाम नहीं ले रहा था।

अवैध शराब पीने वालों का आतंक!
वनदेवी नगर चौक, एसटीडी चौक, गरीब नवाज़ नगर, शिवाजी चौक और टीपू सुल्तान चौक जैसे यूरोप में कुछ युवा छात्र कॉलेजों के दृश्य देखने को मिलते हैं।
इनमें से ज्यादातर वाले नागरिक, असावधान महिलाएं, डॉक्टर और सुरक्षा का माहौल महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस चौकियों के पास ही यह घोटाला हो रहा है।

गुलशन नगर रेलवे ट्रैक बना “मोस्टार्ट शोरूम”!
विश्वसनीय रूप से, “लाला” नाम का एक व्यक्ति, जो डेटस्टॉक का नया नेटवर्क है, गुलशन नगर रेलवे ट्रैक के पास सक्रिय है।
पहले यह नेटवर्क गुप्त रूप से संचालित होता था, अब मोटरसाइकिल का कारोबार हो रहा है और यशोधरा नगर पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।

अमरावती में यशोधरा नगर का खिलौना शिक्षक पकड़ा गया!
दस्तावेज़ के अनुसार, अमरावती पुलिस ने यशोधरा नगर के एक गोदाम के मालिक को गिरफ़्तार कर लिया। प्रोफेशनल्स
वाली बात यह है कि नागपुर पुलिस ने पहले से ही जानकारी ले ली, फिर भी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।

हमीद नगर व म्हाडा क्वार्टर में फिर सक्रिय हुआ धूम्रपान व्यापार!
कुछ महीने पहले साइब के बाद शांत हुए ये इलाका अब फिर से नशे के शौकीनों में खो गए हैं।
वैश्य वैध पर छूट ही सक्रिय हो गई है, जबकि नागरिक डार के कारण आवेदन दाखिल करने से कतराते हैं।

पुलिस की ओर से पूछा गया सवाल!
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पुलिस जांच करती है, मगर कार्रवाई नहीं करती।
कुछ लोगों का तो यहां तक ​​कहना है कि अवैध इन धांधों को कुछ साइंटिस्ट का मॉनसून संरक्षण प्राप्त है।
परिणाम “ऑपरेशन थंडर” के साझीदार पर प्रश्न श्रृंग लग गया है।

‘ऑपरेशन थंडर’ का लक्ष्य अधूरा!
शुरुआती सफलता के बाद अब कई अवैध व्यापार में फिर से सिर उठाया गया है।
सवाल यह है कि,
पुलिस प्रशासन को अपने ही मकान की दीवार का पता क्या है?
और क्या नागपुर नशामुक्त शहर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है?

यशोधरा नगर में नशे का गोरखधंधा बेखौफ, पुलिस की डॉक्टरी बदनाम!
वरिष्ठ पुलिस पर्यवेक्षक को जानकारी दी गई फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अविश्वास और सीपी स्तर पर सक्रिय हस्तक्षेप कर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है , ताकि नशे के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।
प्रश्न: जब थाना हद में ही गंभीर नशा बिक रहा है, तो नशामुक्त समाज का सपना कब पूरा होगा? अब सी.पी. साहब इस पर क्या एक्शन लें ये देखना है। अंतिम गुनाह का अंत ही आम लोगों की सुरक्षा का भरोसा है।

इसकी जानकारी यशोधरानगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस पर्यवेक्षक को दी गई, और उन्हे इस पर प्रतिक्रिया  के लिए भी मागी गई थी लेकिन उन्होंने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी,